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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
जैसे  –  हमें (इंसान) कोई कार्य मिला या दिया गया है तब हम उस कार्य को करने से पहले उसके बारे में जानने का प्रयास अवश्य करते हैं यह काम कैसा है और क्या है? तथा विचार करते हैं कि हम इसे किस प्रकार अच्छे और बेहतर तरीके से कर सकते हैं? यह हमारी दिमाग की बुद्धिमत्ता व क्षमता है तथा यह हमें प्राकृतिक रूप से मिली है।


उसी प्रकार किसी मशीन में कुछ प्रक्रियाओं के द्वारा इंसानों की यही क्षमता विकसित कर देने को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कहते हैं। चूँकि मशीनों में यह क्षमता पहले से नहीं होती बल्कि विकसित की जाती है अतः इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कहते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence in hindi pdf- AI) या कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अर्थ है, मशीनों को इंसान की तरह काम कर पाने, उनकी तरह सोच पाने और फ़ैसले ले पाने की क्षमता देना।

यदि हम दूसरे शब्दों में कहें तो इंसानी दिमाग की तरह (डिट्टो) एक मशीनी दिमाग का निर्माण करना । मानवीय लक्षणों और क्षमताओं को एक मशीन में विकसित करना।

हालांकि अभी भी मानव मस्तिष्क शोध का विषय बना हुआ है। इसके बारे में अभी ऐसे कई महत्वपूर्ण तथ्य हैं जिसके बारे में शोधकार्य जारी है, लेकिन ज्ञात तथ्यों को साथ लेकर मशीनों को मानव मस्तिष्क के आधार पर विकसित किया जा रहा है।

मशीनों का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के रूप में काम करने के लिए सबसे पहले उनमें मनुष्यों की तरह बुद्धिमत्ता विकसित करनी होती है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रकियाओं की आवश्यकता होती है। जिसके मुख्यतः तीन चरण है।

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1 –  सीखना (Learning) अर्थात मशीन में विद्वता विकसित करना।
जैसे – अपने जन्म से मनुष्य अपने मस्तिष्क में कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्रित करता रहा है तथा हमारे बड़े जनों के द्वारा हमें कई तरह की बातें बताई जाती हैं, जिन्हें हम नियम भी कह सकते हैं। यही जानकारियां एवं नियम आगे भविष्य में हमें किसी कार्य को सम्पूर्ण करने में हमारा मार्गदर्शन करती हैं।
इसी प्रकार मशीन में कुछ जानकारियाँ 
(information) डाली जाती हैं तथा कुछ नियम (rules) सिखाये जाते हैं। इन नियमों का पालन मशीनों द्वारा किसी कार्य को सम्पूर्ण करने में किया जाता है।

Artificial intelligence in hindi pdf- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस PDF

(2) – विचार (reasoning) अर्थात मशीनों में तर्क या विचार करने की क्षमता को विकसित करना है। 
जैसे – अगर हम किसी कार्य की ओर अग्रसर हैं तथा हमारे पास कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां और नियम हैं। हमें इन महत्वपूर्ण जानकारियों तथा नियमों का उपयोग बुद्धि व विवेक द्वारा करके परिणाम की ओर बढ़ते हुए एक निश्चित या करीबी निष्कर्ष तक पहुँचना हैं।उसी प्रकार मशीनों को यह भी सिखाया जाता है कि कैसे नियमों का उपयोग करते हुए एक सही निष्कर्ष पर पहुँचना है।


(3) – स्वयं सुधार (self correction) 
जैसे – कार्य करते हुए हमसे (इंसान) कोई गलती हुई है और हमें मनचाहा परिणाम प्राप्त नहीं हुआ। और हमारे पास कोई मार्गदर्शक नहीं है। तब हम अपनी गलतियों पर स्वयं ध्यान देते हुए उनमें स्वयं सुधार करते हैं।इसी प्रकार अगर मशीनों से गलती होने पर वह बिना किसी इंसानी मदद अथवा सुधार के स्वयं अपनी गलती सुधार सकें ऐसी क्षमता का विकसित करना।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence in hindi pdf-AI) एक अत्यंत जटिल सॉफ्टवेयर है। वास्तव में यह किस तरह से काम करता है (अथवा मशीनों में बुद्धिमत्ता विकसित करने के ऊपर लिखे चरणों को वास्तव में मशीन में किस प्रकार विकसित करते हैं), यह जानने के लिए हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उप डोमेन के बारे जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।
(डोमेन एक DNS (डोमेन नाम प्रणाली) का तत्व है जो किसी वेबसाइट या कंप्यूटर के आईपी पते को इंगित करता है। तथा उप डोमेन इसी डोमेन का एक भाग होता है।)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मुख्य डोमेन है, इसके उप डोमेन (subdomain) निम्न हैं-

मशीन लर्निंग –
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक अनुप्रयोग है। बिना किसी प्रोग्रामिंग के, मशीन को स्वतः पुराने अनुभवों के आधार पर किस प्रकार सीखना और निर्णय लेना है, यह क्षमता प्रदान करता है।अन्य भाषा में कहें तो यह बिग डेटा को प्रोसेस करता है। यह एक प्रकार का एल्गोरिदम है, जो कि पुराने अनुभव से नए जोड़े गए डेटा के साथ तेजी से बेहतर विश्लेषण व पैटर्न प्राप्त करता है।


डीप लर्निंग (ध्‍यान पूर्वक सीखना)-

यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) साथ ही मशीन लर्निंग का एक प्रमुख उप डोमेन भी है।
डीप लर्निंग(ध्यान पूर्वक सीखना), मशीन को स्वतः ही भविष्यात्मक विश्लेषण की क्षमता प्रदान करता है।यह लगभग मशीन लर्निंग के समान होता है। अंतर यह है कि यह मशीन लर्निंग का उन्नत स्वरूप है और मशीन लर्निंग की अपेक्षा डीप लर्निंग के द्वारा हम अधिक जटिल कार्यों को सम्पन्न करते हैं। (हम इसे विस्तार से न्यूरल नेटवर्क जानने के बाद समझते हैं)

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न्यूरल नेटवर्क –
न्यूरल नेटवर्क, डीप लर्निंग का उपडोमेन है। जैसा कि हम जानते हैं मानव मस्तिष्क में अरबों न्यूरॉन्स (तंत्रिका कोशिकाएं) हैं तथा इनका कार्य सूचनाओं का आदान-प्रदान और उनका विश्लेषण करना होता है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भी मानव मस्तिष्क के आधार पर ही कार्य कर रहा है तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में न्यूरल नेटवर्क इन्हीं मानव तंत्रिका कोशिकाओं से प्रेरित होता है।


न्यूरल नेटवर्क एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है। यदि मानवीय सूचनाओं के आदान-प्रदान को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में इनपुट तथा आउटपुट से तुलना करें तो न्यूरल नेटवर्क का कार्य, जानकारी (information) को इनपुट के रूप में प्राप्त कर लेना उसके बाद विश्लेषण करना तथा अंत में आउटपुट प्रदान करना, है।आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क (ANN or NN) में न्यूरॉन नोड्स एक वेब की भांति परस्पर जुड़े होते हैं।एक न्यूरल नेटवर्क में सैकड़ों या हज़ारों कृत्रिम न्यूरॉन्स होते हैं जिन्हें प्रोसेसिंग यूनिट (processing unit) कहा जाता है, जो नोड्स (nodes) द्वारा परस्पर जुड़े होते हैं। ये प्रोसेसिंग यूनिटस कई इनपुट और आउटपुट यूनिट से बनी होती हैं।


इनपुट इकाइयों को आंतरिक भार प्रणाली (internal weighting system) के आधार पर जानकारी के विभिन्न रूप और संरचना प्राप्त होती है। और न्यूरल नेटवर्क  कि जानकारी का विश्लेषण कर आउटपुट इकाइयों द्वारा आउटपुट प्रदान करता है।


अब यदि हम न्यूरल नेटवर्क तथा मशीन लर्निंग को एक साथ लेकर डीप लर्निंग को समझें तो डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए या मशीन लर्निंग की अपेक्षा जटिल कार्यों को करने के लिए न्यूरल नेटवर्क्स के श्रेणीबद्ध स्तरों का उपयोग करता है।


नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (Natural language processing) –
“यह कंप्यूटर एवं मानवीय भाषा के बीच एक संबंध है।” इसे हम इस तरह भी समझ सकते हैं-हमें कम्प्यूटर को अपनी भाषा समझाने के लिए प्रोग्रामिंग की आवश्यकता होती है। 

जैसे- C, C++, Python, Java. तब यदि हम प्रोग्रामिंग न करें और कंप्यूटर सामान्य भाषा में जैसे हिंदी अथवा अंग्रेज़ी में हमारी बात समझ जाए ऐसी क्षमता विकसित करना, इसे ही नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग कहते हैं।


इसमें कम्प्यूटर  या मशीन का शब्दार्थ जानना ,वाक्यों का विश्लेषण करना, मुहावरों , व्यंग ,आदि को जानने की क्षमता को विकसित करना।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कार्यक्षेत्र अत्यंत वृहद है। मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग ये सभी अपने आप में वृहद क्षेत्र हैं। हम इन्हें जितना जानने जाएंगे उतना ही इसमें डूबते चले जाएंगे। इन सभी के अनुप्रयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्य करता है।

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