Cm House Dehradun -उत्तराखंड सीएम आवास का रहस्य PDF Download का लिंक सबसे नीचे दिया है–

उत्तराखंड सीएम आवास देहरादून (Cm House Dehradun) में न्यू कैंट रोड पर स्थित है। सीएम आवास 27 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। परन्तु इस आवास के बारे में कई अफवाह है। कई वर्षों से यह आवास खाली पड़ा था लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन अफवाहों पर ध्‍यान नहीं दिया और यहां गृह प्रवेश किया था पर अब ये अफवाहें सच होती दिखाई दे रही हैं।

इस आवास के साथ जो रहस्य जुड़ा है वह यह है कि इस आवास में जो कोई सीएम आता है। वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है। इस आवास को शापित माना जाता रहा है।

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कहा जाता है कि इस आवास (Cm House Dehradun) में अभी तक जितने भी सीएम आए हैं। उनमें से कोई भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। यह एक ऐसा आवास है जहां पर रहने के बाद सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते हैं और सभी सीएम इसकी वजह इस आवास को बताते हैं। जो भी इस बंगले में रहा है वो सत्ता से बेदखल हो गया। 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तो कभी इस आवास में आए ही नहीं। वो कभी भी इस बंगले में नहीं रहे। इस आवास में ज्योतिषों, पंडितों द्वारा पूजा पाठ, हवन सब करवाया गया परन्तु इस आवास का हाल ज्यों का त्यों है। शुभ और अशुभ के चक्कर में बड़े बड़े राजनेता यहां जाने से डरते हैं।जिस समय कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी का कार्यकाल था। उस समय यह बंगला निर्माणाधीन था। तिवारी जी ने जैसे ही इस बंगले में आने की सोची उनकी सरकार भी चली गई।

इसके बाद आई बीजेपी की सरकार जिसमें भुवनचंद्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया।
जैसे ही उन्होंने इस बंगले में आने की सोची ढाई साल में ही उनकी कुर्सी उनके हाथ से चली गई ओर यह कुर्सी डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के हाथ में आ गई ओर कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात ही निशंक भी तमाम आरोपों से घिर गए ओर कुर्सी से बेदखल हो गए और भुवनचंद्र खंडूरी फिर मुख्यमंत्री बने। परन्तु चुनाव में सरकार ही बदल गई और इसके बाद आई कांग्रेस की सरकार जिसमें मुख्यमंत्री बने विजय बहुगुणा और वह भी इसी आवास (Cm House Dehradun) में रहने लगे लेकिन उन पर भी कई आरोप लगे ओर दो साल पूरे करने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

इसके बाद आए हरीश रावत लेकिन वह कभी इस बंगले में नहीं रहे। अब त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी इस कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है। कहा जाता है कि इस आवास के साथ ही सचिवालय में स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में एक कक्ष भी अफवाहों से जुड़ा है यह जो कक्ष है इसे अशुभ माना जाता है। बड़े – बड़े राजनेता यहां आने से कतराते हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्रीयो का इस आवास में आने के बाद रिकॉर्ड रहा है कि कोई भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। जितने भी मुख्यमंत्री रहे कोई भी इस कुर्सी पर अपना समय पूरा नहीं कर पाया। कार्यकाल पूरा ना होने की एक वजह इस सीएम आवास को माना जाता रहा है। इसके डर के चलते तो कुछ मुख्यमंत्री यहां आने से भी घबराते रहे हैं।अभी तक यह अफवाह सच होती दिखाई दे रही है। 

जैसा कि इस आवास (Cm House Dehradun) के बारे में कहा जाता है तो वर्तमान में भी यही देखने को मिला है क्यूंकि जब उत्तराखंड मे भाजपा की सरकार बहुमत से सत्ता में आई और त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया तो सभी को उम्मीद थी कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत अपने 5 साल पूरे कर लेंगे और वह सत्ता को सम्भाल लेंगे यहां तक कि उनके सत्ता में आने के बाद ये तक कहा जाने लगा था कि उत्तराखंड मे डबल इंजन की सरकार आ गई है और अब जल्द ही उत्तराखंड का विकास दोगुनी रफ्तार से होगा लेकिन जिस तरह से त्रिवेन्द्र सिंह रावत की कुर्सी गई उसके पीछे क्या यह बंगला जी जिम्मेदार है या लोग उनके काम से खुश नहीं थे।

अब यह तो सोचने वाली बात है कि वास्तव में बहुमत से आई सरकार के ऐसे मुख्यमंत्री जो अपनी ईमानदार छवि के लिए जाने जाते थे और उनपर किसी तरह का भ्रष्टाचार का आरोप भी नहीं था फिर भी अचानक सत्ता से जाना और मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़ना इसका क्या कारण है यह जरूर सोचने का विषय है।

दोस्तों आपका इस पर क्या कहना है जरूर बताए।
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Cm House Dehradun -उत्तराखंड सीएम आवास का रहस्य