क्या प्रकाश की गति से डेटा ट्रान्सफर (data transfer) करना संभव है? SPEED OF LIGHT
हाँ, संचार की आधुनिक तकनीकों में तथ्यों (facts) का आदान-प्रदान प्रकाश की गति से ही होता है।
वर्तमान में भी जब आप यह आलेख पढ रहे हैं, तो सम्भवतः आप इसे अपने स्मार्टफ़ोन (smartphone) पर अथवा कम्प्यूटर (Computer) पर पढ रहे हों।
यदि आप स्मार्ट्फ़ोन पर पढ रहे हैं तो इस लेख का डेटा आपको सेल्युलर नेटवर्कों के माध्यम से पहुँचा है। इन नेटवर्कों पर डेटा संचार माइक्रोवेव तरंगों से होता है। जोकि प्रकाश की गति से चलने वाली प्रकाश के जैसी ही विद्युतचुम्बकीय (electromagnetic waves) हैं, जिनकी आवृत्ति (frequency) अथवा प्रबलता (strength) में परिवर्तन कर डेटा संचारित (transmit data) होता है।
वहीं यदि आप यह किसी कम्प्यूटर पर पढ रहे हों तो हो सकता है कि वह कम्प्यूटर किसी फाइबर ऑप्टिक (fiber optic) अथवा ब्राडबैंड कनेक्शन (broadband connection) के माध्यम से डेटा संचारित होता है। SPEED OF LIGHT
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फाइबर ऑप्टिक कनेक्शन में डेटा प्रकाश के रूप में संचारित है, अतः वह प्रकाश की गति से ही चलता है। वहीं ब्राडबैंड में यह डेटा विद्युतचुम्बकीय तरंगों के रूप में है, और सभी विद्युतचुम्बकीय तरंगें प्रकाश की गति से संचारित होती हैं।
अतः हम अब भी प्रकाश की गति से ही डेटा (data) संचारित करते हैं।
विशेष :—
हम जो भी देखते हैं सुनते या बोध (महसूस) करते हैं, यह सभी तथ्य (डेटा) हैं, जो हमारी विभिन्न इन्द्रियों के माध्यम से हमारे मस्तिष्क में पहुँचते हैं। हमारा मस्तिष्क इनका प्रसंस्करण (processing) कर हमारे अनुभव, हमारी सूचनाएँ बनाता है। हमें जो तथ्य आँखों से मिलते हैं वे हम तक प्रकाश की गति से ही पहुँचते हैं।
यदि आपके पास यदि ऑप्टिकल फाइबर या मोबाइल अथवा वाइ-फाई कनेक्शन (Wi-Fi connection) न होकर ब्राडबैंड कनेक्शन (broadband connection) हो तो इन तारों में प्रवाहित होने वाले विद्युत से तथ्यों के संकेतों का आदान-प्रदान होता है। बिजली के तारों में प्रवाहित विद्युत तीन प्रकार से संचालित होती है। SPEED OF LIGHT
इलेक्ट्रॉन्स का अपना-अपना संवेग। सभी इलेक्ट्रॉन्स कभी भी पूर्ण रूप से स्थिर नहीं होते, वे सदा गतिशील रहते हैं।
इलेक्ट्रॉन्स के प्रवाह का वेग। यह विद्युत के विभव में होने वाले अन्तर के कारण सभी इलेक्ट्रॉन्स का ऋणात्मक से धनात्मक विभव की ओर अग्रसर होने का वेग है। ताम्र जैसे सुचालकों में यह वेग लगभग ३ मीटर प्रति सेकंड होता है।
विद्युत तरंगों (electric waves) के प्रवाह का वेग। यह इलेक्ट्रॉन्स (electrons) के विशिष्ट दिशा में वेग से उत्पन्न हुए विद्युतचुम्बकीय प्रभाव का वेग है। विद्युतचुम्बकीय तरंगें (electromagnetic waves) प्रकाश की गति से चलती हैं।
किन्तु यह तरंगें जब किसी माध्यम विशेष से जाती हैं (यहाँ बिजली का तार) तो इनके वेग में कुछ कमी आती है। इलेक्ट्रॉन्स का एक दूसरे को विकर्षित करने से इन संकेतों की गति में कुछ कमी आती है। इस कारण तारों में प्रवाहित होने वाली विद्युतधारा प्रकाश की गति के ५०% से ९९% तक की गति से प्रवाहित हो पाती है। अतः डेटा भी इसी गति से संचारित होता है।
इसे कुछ इस प्रकार समझिए, किसी एक स्थान पर एक लम्बी पंक्ति (कतार) लगी है। इस पंक्ति में पीछे से कोई व्यक्ति जोर से धकेलना आरम्भ करता हैं। यह धक्का पंक्ति में आगे की ओर अग्रसर होता है, और उस पंक्ति में प्रथम स्थान पर जाकर पहुँच जाता है।
किन्तु वह व्यक्ति जिसने धकेलना आरम्भ किया उसे पंक्ति के प्रथम स्थान तक पहुँच पाने में अपेक्षाकृत बहुत ही अधिक समय लगता है। अब सोचें कि पंक्ति में लगे व्यक्ति इलेक्ट्रॉन्स हैं, और धक्का विद्युत। इसी प्रकार विद्युत की गति भी उसका संवहन करने वाले इलेक्ट्रॉन्स की गति से बहुत ही अधिक हो जाती है। यह विद्युत संकेत इस प्रकार लगभग प्रकाश की गति से प्रवाहित हो पाते हैं।
अतः जब डेटा का आदान-प्रदान किसी भी माध्यम में विद्युत तरंगों पर आधारित होता है (इलेक्ट्रॉनिक्स अथवा इलेक्ट्रिकल माध्यम से) तब इन संकेतों की गति प्रकाश की गति का एक अंश होती है। SPEED OF LIGHT
सम्भवतः आप यह इस लिए पूछ रहे हैं कि हमें सभी तथ्य (Fact) तत्क्षण क्यों नहीं मिल पाते? क्यों हमें डेटा के ट्रांसफर (transfer) के लिए प्रतीक्षा करनी होती है?
इसका कारण गति में न होकर क्षमता में है। विद्युतचुम्बकीय तरंगें (electromagnetic waves) अन्य तरंगों के समान एक निश्चित मात्रा में ही तथ्य सहेज सकती हैं।
यह तथ्य एक पुलिन्दे (पैकेट) में संचयित कर आदान-प्रदान किए जाते हैं। जैसे, हमें यदि ध्वनि के रूप में कोई तथ्य भेजना है तो हम पूरे परिच्छेद को एक अक्षर जितने समय में नहीं कह पाते। इसके लिए हमें इस तथ्य को सुस्पष्ट रूप से भेज पाने जितना समय तो लेना ही होता है।
यहाँ यह समय ध्वनि तरंगों की वहन क्षमता, कहने वाले की सुस्पष्ट कह पाने की क्षमता और सुनने वाले की उसे स्पष्ट रूप से सुन पाने की क्षमता पर निर्भर करता है।
ध्वनि तरंगों की गति सभी परिस्थितियों में ३३२ मीटर प्रति सेकंड (हवा में सामान्य ताप और दाब पर) ही रहेगी। वही अन्य विधि से भेजे तथ्यों के लिए भी सत्य है। विद्युतचुम्बकीय तरंगों द्वारा प्रेषित तथ्य सदा प्रकाश की गति से ही अग्रेषित होते हैं।
किन्तु इन तरंगों द्वारा सीमित मात्रा में ही तथ्यों का संवहन किया जा सकता है। बाह्य जगत की सभी सूचनाएँ सभी ओर से हम मानवों तक विद्युतचुम्बकीय तरंगों के माध्यम से पहुँचती रहती हैं।
किन्तु हमारे इन तथ्यों को संचय करने वाले उपकरण, नेत्र, इन तरंगों की कुछ विशिष्ट तरंगदैर्ध्यों को ही देख पाते हैं, तथा एक समय में मात्र एक ही दिशा से आती तरंगों का ही बोध कर पाते हैं, इनमें भी हम निकटवर्ती तरंगदैर्ध्यों में भेद नहीं कर पाते हैं। अतः हमारे उपकरण की सीमित क्षमता के कारण हम सभी तथ्य ग्रहण नहीं कर पाते हैं। SPEED OF LIGHT
ऐसा ही हमारे द्वारा बनाए गए उपकरणों के साथ भी है। उनकी तथ्यों (facts) को प्रेषित (sent) तथा ग्रहण करने की क्षमता सीमित होने से, तथा जिस माध्यम से सूचना जाती है उसकी सीमित संवहन क्षमता (carrying capacity) के कारण तथ्यों के आदान-प्रदान में समय लगता है।
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