नेवी सील(Navy seal- USA NAVY SEAL TRAINING)

इसकी शुरुआत अमेरिका से हुई थी। 
जब भी दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ कमांडो की बात की जाती है तो मस्तिष्क में एक ही नाम आता है और वो है सील कमांडो। जी हां। वो भी अमेरिका की सबसे अनुशासित व शक्तिशाली एवं मरने के लिए नहीं अपितु दुश्मनों को मारने के लिए।

ये सील कमांडो हर खतरनाक युद्ध और कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना करना जानती है। मैं आज आपको इन्ही स्पेशल फोर्स के बारे में बताना चाहूंगी।

1जनवरी 1962 में यूनाइटेड नेवी सील इसकी स्थापना की गई थी। इस घातक स्पेशल फोर्स की आवश्यकता तब पड़ी, जब जापान द्वितीय विश्व युद्ध के समय 7 दिसंबर 1941 में अमेरिका के पर्ल हार्बर में आक्रमण किया परिणामस्वरूप अमेरिकी सरकार की नींद उड़ गई। अमेरिका में हर ओर हडकंप मच गया।

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सील का अर्थ –

Sea – का अर्थ है समुद्र
A – का अर्थ है एयर
L – का अर्थ लैंड

ये कमांडो तीनों सेनाओं के टफ ट्रेनिंग से गुजरती है सभी देशों में हर युद्ध के लिए अलग से कमांडो होते हैं जबकि अमेरिका में स्पेशल टास्क फोर्स अकेले जल, थल एवं वायु में कठिन से कठिन हर तरह का टास्क कर सकते हैं। इन सील कमांडो की ट्रेनिंग दुनिया की सबसे खतरनाक, असुरक्षित ट्रेनिंग में से एक होती है।

us navy seal training

इन कमांडो की ट्रेनिंग युद्ध करने से भी अत्यधिक भयावह होती है। जिसमें लाखों जवानों में 1% को छोड़कर कुछ कमांडो तो ट्रेनिंग छोड़कर चले जाते हैं और कुछ की तो मृत्यु तक हो जाती है। इनकी मृत्यु मिशन और युद्ध से भी अधिक होती है। क्योंकि मिशन तक ये इतने शक्तिशाली हो जाते हैं कि इन्हें कोई मार ही नहीं सकता है।
अब आते हैं मूल विषय पर कि नेवी सील कब तक और कितने समय तक सांस रोके रखते हैं –

* सिर्फ यह एकमात्र ऐसी ट्रेनिंग है कि ट्रेनिंग के समय कमांडोज के हाथों एवं पैरों को बांधकर समुद्र में फेंक दिया जाता है। और सिर्फ 2 मिनट तक सांस पानी में रोककर समय पूर्ण करना होता है। जिसमें बिना किसी मदद या सहारे के तैरने की ट्रेनिंग दी जाती है।
ठंडी रेत में गीले कपड़ों में सारी रात खड़े रहना पड़ता है। ये ठंडे और गहरे पानी में गोते लगा सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में ये बंधे हुए हाथ और पैर में ही तैरते हुए स्वीमिंग पुल में रखे टारगेट को अपने मुंह से निकालकर पूरे आत्मविश्वास के साथ दीवार तक पहुंच कर बाहर निकलते हैं।
* इन्हें 2 मिनट में 50 पुस – अप्स लगाने होते हैं। इस तरह के टास्क इन्हें किसी भी हालत में पूरे करने होते हैं।

 * कई दिनों तक इन्हें नींद और भोजन से दूर रखा जाता है। इस तरह इन्हें मेंटल टेस्ट से भी गुजरना पड़ता है।

* कभी-कभी तो कोबरा का शिकार करके उसका रक्त पानकर क्षुधा (भूख) शांत करते हैं।

* ढाई साल की ट्रेनिंग में बहुत से जवान इस ट्रेनिंग को मध्य में ही छोड़कर चले जाते हैं। और कुछ की जान भी चली जाती है। वास्तव में इस ट्रेनिंग का मूल उद्देश्य प्रत्येक असाधारण परिस्थितियों को अत्यंत साधारण मान कर इसे पूर्ण करना होता है।इस ट्रेनिंग में शुरु के 6 माह सबसे कठिन होते हैं।

इस ट्रेनिंग में ऐसे जवानों को चयनित किया जाता है। जो शारीरिक व मानसिक रूप से फिट हो। इस तरह के टास्क हर जवान नहीं कर पाते हैं और ट्रेनिंग बीच में ही छोड़कर चले जाते हैं कई जवानों की तो टास्क करने के दौरान ही मृत्यु हो जाती है। USA NAVY SEAL TRAINING

इसमें ऐसे जवानों को चयनित किया जाता है जो कठिन से कठिन परिस्थितियों को पार कर आगे की ओर बढ जाते हैं 
समस्त संभावनाओं से ऊपर उठकर प्रत्येक परिस्थितियों में लोहे के समान शक्तिशाली बनकर विजय श्री की प्राप्ति करना इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य होता है।