1200 करोड़ के पैकेज से अब टिहरी झील व नई टिहरी और प्रतापनगर का विकास होगा।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बसंत पंचमी के अवसर पर टिहरी झील महोत्सव का श्रीगणेश किया। Tehri Development in Hindi

अब प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी के दिन टिहरी झील एक उत्सव के रूप में मनाया जायेगा। सरकार द्वारा इसकी सूचना जारी कर दी गई।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टिहरी के विकास के लिए कई बड़ी घोषणाएं की जो भविष्य में टिहरी को एक श्रेष्ठ पर्यटन केंद्र बनायेगा टिहरी झील को देखने के लिए पर्यटक दूर दराज से आते हैं।


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उत्तराखंड से कई देव डोलियां 15 फरवरी को टिहरी झील महोत्सव में पहुंचीं। जो स्नान करने के उपरांत बुधवार को वापिस चली जाएंगी। ये सभी देव डोलियाँ उत्तराखंड की संस्कृति की धरोहर है ये सभी देव डोलियाँ आकर्षण का केंद्र बनी।

टिहरी का विकास Tehri Development in Hindi

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महोत्सव के दौरान देव डोलियों का आशीर्वाद प्राप्त किया।टिहरी झील महोत्सव में पहाड़ की संस्कृति  एक आकर्षण का केंद्र रही। इस महोत्सव में कृषि विभाग की तरफ से गाँव बनाया गया।

इसमें गांव का रहन-सहन, कृषि,पशुपालन,धार्मिक स्थल,वेषभूषा, खान-पान, सभी इसमें दर्शाया गया। बाहर से आने वाले लोगों ने इसकी काफी सराहना की तथा गांव के महत्व को समझा।  टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड का एक ऐसा जिला है।

जो उत्तराखंड की सुंदरता को और बढ़ा देता है। टिहरी का नाम एक विकसित शहरों में गिना जाता है। टिहरी में ऐसी कई चीजें हैं जो प्रमुख हैं। जैसे टिहरी के आभूषणों में टिहरी नथ काफी प्रसिद्ध है।

यह नथ इतनी प्रसिद्ध है कि और राज्यों में शादी, विवाह में लड़कियां टिहरी की नथ को पहनती हैं।। ऐसे ओर भी आभूषण हैं जो प्रमुख हैं। इस महोत्सव के दौरान उत्तराखंड की पूरी संस्कृति को दिखाया गया था। इसमे सेना के जवानों ने भी कई तरह के खेल खेले।

कुछ में हेलिकॉप्टर के जरिए भी कई तरह के खेल खेले गए। इन खेलों में महिलाओं व पुरुषों दोनों ने भाग लिया। इसमें पैराग्लाइडिंग, वाटर स्कूटर, माउन्टेन बाइक रैली खेल खेले गए।। खेल के साथ-साथ महोत्सव में फोटो प्रदर्शनी भी लगाई।

इस फोटो प्रदर्शनी में कई ऐसी चित्रों का संग्रह था। जिसने पुरानी टिहरी की यादों कों ताजा कर दिया। इस प्रदर्शनी में कुछ ऐसे जगहों के चित्र थे जो समय के साथ टिहरी झील में समाहित हो गए।

पुरानी टिहरी के ऐसे यादगार जगहें जिसमें घंटाघर, प्रताप इंटर कॉलेज, पुराना दरबार, सभी के चित्र इस प्रदर्शनी में थे। Tehri Development in Hindi

मुख्यमंत्री जी ने कई तरह की घोषणाएं करके टिहरी की विकास की दर को और आगे बढ़ा दिया है।इस महोत्सव के आयोजन से ही स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल था। इन घोषणाओं से इनकी खुशी और बढ़ गई।भविष्‍य में टिहरी एक ऐसा जिला बन जायेगा।

जो सभी सुविधाओं से सुसज्जित होगा। वहां स्थानीय लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जायेंगी। और इतना ही नहीं टिहरी झील के कारण कई लोगों को रोजगार उपलब्ध हो पाया है।बूढ़ा केदार, चंबा, धनोल्टी, कैम्पटी फाॅल, ये सभी जगह घूमने के लिए बहुत अच्छी है।

टिहरी पहाड़ियों के बीच स्थित है।यह महोत्सव मुख्यतः इसी बात को प्रमाणित करता है। कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। इस महोत्सव का शुभारंभ इसलिए किया गया है कि हमारी संस्कृति और सभ्यता को लोग अच्छे से पहचाने और इसका ज्ञान वो और लोगों को भी दें। 

महोत्सव के दौरान माँ सरस्वती की पूजा की गई। यह पर्व एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।टिहरी झील महोत्सव में संचालित नावों की संख्या चार गुनी करने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बसंत पंचमी के दिन टिहरी झील महोत्सव में टिहरी में जल्द ही इंटरनेशनल स्तर का वैदिक विद्यालय खोलने का शुभारंभ करने की घोषणा की।  मुख्यमंत्री जी द्वारा लोगों को आपदा से लड़ने व इससे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। 

टिहरी का विकास Tehri Development in Hindi